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सोमवार, 13 फ़रवरी 2023

holi

सखि संवर सँवर सब अईहें 
होरी खेलन सबहीं मिल जईहें  
मन श्याम रंग मतवारो  
तन मन सब रंग रंगईहें 

ऋतु फागुन के शुभ अईहें   
गोपियन संग रास रचईहें 
मन मस्त मस्त बौरईहें
सखीयन मिल धूम मचईहें
कृष्ण मुरली धरी लुकईहें
ब्रज बावरी प्रियतम पईहें 
होरी मधुर मधुर स्वर गईहें 
ब्रज गोपियन रंग लगईहें 

ब्रज ग्वालों के संग मुरारी हैं 
गोपियन की होरी की तैयारी है 
ग्वालन संग कृष्ण बिहारी हैं 
गोपियन की अजब तैयारी है 
रंग घोल खड़े हैं बिहारी जी
राधा हाथ कनक पिचकारी है
जो मिलिहें रंग लगी जईहें 
राधा प्रेम सरस भिंगी जईहें
ढोली ढोल बजावे ढम-ढम के 
कान्हा नाच नचावे छम छम के
उड़े रंग गुलाल शहर में 
मन डुबो  रंग भंवर में 
  
मन मधुर मधुर मुस्कईहें
तन गिरिधर रंग लगईहों  
राधा चुनर उड़ी शरमईहें
कृष्णा गालन रंग लगइहें
मनमोहन रंग लगईहें
घनश्याम रमा रम जईहें
राधा कृष्ण मिलन हो जइहें
सारी सृष्टि मधुर मुस्कइहें 
नेहिया जग पर बरसईहें
मधु बन में होरी मनईहें
सखियन सब रंग बरसईहें
तन श्याम रंग रंग जइहें 
 
सखी रंग गुलाल उड़इहें 
तन मन मा रंग लगइहें
होरी गान बजे जम जम के 
मन नाच उठे छम छम के
मनवां  मधुर मधुर मुस्काइहों 
तनमा गिरिधर रंग लगइहों  
सखीयन सब रंग बरसावे
मधुबन में होली मनावै 
मनवा इंद्रधनुष बन ज़ावे
तन सतरंगी मन को भावै 
राधा गिरिधर रंग लगावै  
कृष्ण राधा पे रंग बरसावै  
 
राधा रंग के मारे पिचकारी जी 
निकले बच कृष्ण मुरारी जी
चल भागे हैं बांके बिहारी जी 
पाछे पाछे राधा पिचकारी जी
राधा गाल गुलाल लगावै
श्यामा हो निहाल सुख पावै
मन झूमर झूमर के नाचे 
तन फगुवा के रंग में रांचे 
ब्रज में होली अति प्यारी जी
राधा हाथ में ले पिचकारी जी 
राधा रंग रंगे हैं चक्रपाणि जी
कान्हा रंग रंगे हैं ब्रजरानी जी 
 
खेली हैं कान्हा संग होरि 
खो बैठी हैं सुधबुध सारी      
मन श्याम रंग रंग जइहों 
तन गिरधर रंग लगइहों 
अंग फड़क फड़क कर बांचे
सखी थिरक थिरक सब नाचे
आपस के बैर मिटैईहों 
मनवाँ के मैल धुलईहो
कान्हा से रंग लगाइहों 
प्राणी मुक्ति सहज पा जईहों
मन सतरंगी बन जईहें 
जीव श्रेष्ठ परम पद पईहें   
सखि संवर सँवर सब अईहें  
होरी खेलन सबहीं मिल जईहें  
मन श्याम रंग मतवारो  
तन मन सब रंग रंगईहें
-उमेश यादव

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