यह ब्लॉग खोजें

रविवार, 5 फ़रवरी 2023

गिरिडीह अति प्यारा है

 गिरिडीह अति प्यारा है

स्वर्ग सी सुंदर धरती अपनी, गिरिडीह अति प्यारा है। 

गिरि शिखरों से शोभित प्यारा, पावन भूमि हमारा है।। 


है प्राचीन इतिहास जिले का, जैन धर्म का खास रहा। 

सम्मेत शिखर पारसनाथ का,मधुबन का इतिहास रहा।। 

चौबीस में से बीस तीर्थंकरों,  को निर्वाण से वारा है। 

स्वर्ग सी सुंदर धरती अपनी, गिरिडीह अति प्यारा है।। 


झारखंड धाम अति पावन, शिव की महिमा न्यारी है। 

पूरन करते मनोकामना, शिव  भोले भण्डारी हैं।। 

झारखंड शिव की महिमा से,समृद्ध राज्य हमारा है। 

स्वर्ग सी सुंदर धरती अपनी, गिरिडीह अति प्यारा है।। 


हरिहर धाम बगोदर में शिव, का स्वरूप मनभावन है। 

खरगडीहा के लँगटा बाबा, की समाधि अति पावन है।। 

दुखिया महादेव दुख हरते, दुखियों के वही सहारा हैं। 

स्वर्ग सी सुंदर धरती अपनी, गिरिडीह अति प्यारा है।।


खनिजों का भंडार यहाँ पर, कोयला अभ्रक माणिक है। 

झारखंड बाबा धाम यहाँ पर,जिनका महत्व पौराणिक है।। 

खंडौली,उसरी प्रयटन स्थल का,अद्भुत दिव्य नजारा है। 

स्वर्ग सी सुंदर धरती अपनी, गिरिडीह अति प्यारा है।।

  

वैज्ञानिक सर जे सी बोस का यहाँ से गहरा नाता था। 

शोध प्रबंध किए यहाँ से,विज्ञान भवन इन्हें भाता था।। 

वैज्ञानिक दुनिया में बोस से, जगमग राष्ट्र हमारा है।    

स्वर्ग सी सुंदर धरती अपनी, गिरिडीह अति प्यारा है।।


गायत्री की दिव्य चेतना, गिरिडीह में ज्योतित है। 

गायत्री मंदिर, प्रज्ञापीठ से,सम्पूर्ण क्षेत्र आलोकित है।। 

हर मन में सद्भाव जगाता,गायत्री परिवार हमारा है। 

स्वर्ग सी सुंदर धरती अपनी, गिरिडीह अति प्यारा है।। 


आओ सब मिल गिरिडीह को,सबसे श्रेष्ठ बनाएं हम।

भक्ति ज्ञान संस्कृति का आलोक सर्वत्र फैलाएं हम।। 

यही जन्मभूमि हम सबका, यह प्राणों से प्यारा है। 

स्वर्ग सी सुंदर धरती अपनी, गिरिडीह अति प्यारा है।।

  -उमेश यादव

कोई टिप्पणी नहीं: