कल की बातें छोडो अब तो,
आया है ये नया जमाना।
नये ज़माने में अब सबको,
गाना है एक नया तराना।।
बाहर की प्रदूषित हवा से,
बचो हमेशा धुल धुवां से।
बिना मास्क के कहीं न जाना,
मुंह पर पट अब सदा लगाना।।
सह भोजन या पिकनिक पार्टी,
शादी व्याह हो बिन बाराती।
धूमधाम अब दूर की बातें,
नहीं पास से हो मुलाकातें।।
चाहे हो जितनी मजबूरी,
दो गज दुरी, सदा जरुरी।
सैनीटाईज़र या साबुन से,
बार बार है हाथ धुलाना।।
काम बिना बाहर न जाना,
बिना काम के कहीं न छूना।
गरम पानी ही हरदम पीना,
घर से बाहर कुछ न खाना।।
हाथ मिलाया करें नहीं अब,
हाथ जोड़ प्रणाम करें सब।
अपनी संस्कृति सबसे न्यारी,
फिर इसको सर्वत्र फैलाना।।
प्राण शक्ति बढालो अब तो,
योग ध्यान अपनालो अब तो ।
नया रूटीन अपनालो सब तो,
जीवन सरल बना लो अब तो।।
कोरोना असाध्य नहीं है,
कमजोरों से साध्य नहीं है।
छोटी छोटी बात अपनाना,
स्वस्थ रहो खूब मौज मनाना।।
-उमेश यादव
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मंगलवार, 8 दिसंबर 2020
नया तराना
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3 टिप्पणियां:
Ati sunder
बहुत खूब कही...समसामयिक.. 😊 😊
Sundar bhaiya ji
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