नया वर्ष आया खुशियाँ मनाओ।।
अरे मौन क्यों हो नये गीत गाओ।
नया वर्ष आया खुशियाँ मनाओ।।
विष से भरा ये जमाना बुरा था।
आतंक साया, जगत यह डरा था।।
बुरा वक्त बीता,अरे गुनगुनाओ।
अरे मौन क्यों हो नये गीत गाओ।।
नया वर्ष आया खुशियाँ मनाओ।।
घरों मे दुबककर, रहे वर्ष भर हम।
रिश्ते बिछड़कर, रहे वर्ष भर हम।।
नये साल पर अब,नया स्वर सुनाओ।
अरे मौन क्यों हो नये गीत गाओ।।
नया वर्ष आया खुशियाँ मनाओ।।
बहुत हम है खोये, बहुत सा है पाया।
नये रुप में है, धरा को सजाया।।
उज्जवल भविष्यत के स्वर अब सुनाओ।
अरे मौन क्यों हो नये गीत गाओ।।
नया वर्ष आया खुशियाँ मनाओ।।
परजीवी का भय इतना बड़ा था।
जगत को प्रभु का, संदेश कड़ा था।।
मिलकर बढ़ो जग,नया अब बनाओ।
अरे मौन क्यों हो नये गीत गाओ।।
नया वर्ष आया खुशियाँ मनाओ।।
उमेश यादव
https://youtu.be/4kDSU4diZ3Q
1 टिप्पणी:
एक नई दृष्टि
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