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रविवार, 16 जनवरी 2022

जगतगुरु केवल भारत है

 






*जगतगुरु केवल भारत है*

भारतीय संस्कृति का जग में स्वामीजी ने मान बढ़ाया।

जगतगुरु केवल भारत है,दिव्य ज्ञान जग में पहुंचाया।।

 

चरित्रवान हो युवा देश के,तो सौभाग्य बदल सकता है।

युवा तेजस्वी नौजवान चाहे तो राष्ट्र सबल बनता है।।

राष्ट्र धर्म ही श्रेष्ठ धर्म है,युवा वर्ग को भान कराया।

भारतीय संस्कृति का जग में स्वामीजी ने मान बढ़ाया।।

 

धर्म कर्म से विमुख हो रहे युवाओं के आदर्श बने वो।

संयम सेवा सहिष्णुता के,साहस शौर्य के अर्श बने वो।।

कुछ भी नहीं असंभव होता,मन में दृढ़ विश्वास जगाया।

भारतीय संस्कृति का जग में स्वामीजी ने मान बढ़ाया।।

 

सभी स्वस्थ हो विवेकवान हो,श्रमशीलों का सम्मान हो।

प्रगतिशील हो,श्रद्धावान हो,नारी शक्ति दिव्य महान हो।।

श्रमशीलों के श्रम ने भारत को,सारे जहाँ में श्रेष्ठ बनाया।

भारतीय संस्कृति का जग में स्वामीजी ने मान बढ़ाया।।

-उमेश यादव,शांतिकुंज,हरिद्वार

मंगलवार, 12 जनवरी 2021

विवेकानन्द- चिर युवा

 


  विवेकानंद , हे चिर युवा

धर्म संस्कृति की विजय पताका, दिग्दिगंत फहराए

विवेकानंद , हे चिर युवा, भारत का मान  बढाए।।

 

रुको न जब तक लक्ष्य न पाओ,ऐसा प्रखर विचार दिया था

निर्बल नहीं,तुम सिंह वीर हो,युवकों को हुंकार दिया था

ज्ञान, कर्म  और भक्ति  की  धारा, चहुँ  दिश में पहुंचाए

धर्म  संस्कृति  की  विजय पताका, दिग्दिगंत  फहराए।।

 

डरें  नहीं, निर्भीक बनें हम, पीड़ितों का उपकार करेंगे

स्वयं को श्रम से पुष्ट बनाकर,दुखियो का उद्धार करेंगे।।

हर  मानव  में  हरि  बसे  हैं , यह  सन्देश  फैलाये

धर्म संस्कृति की विजय पताका, दिग्दिगंत फहराए।।


धर्म  हमारी राष्ट्र शक्ति है, जन जन तक पहुंचाना है

हर वासी को  भक्ति सिखाकर, राष्ट्र समर्थ बनाना है।।

विश्व  पटल  पर  भारत  माँ का, शान  बढ़ाने  आये

धर्म संस्कृति की विजय पताका, दिग्दिगंत फहराए।।

 

दर्शन उपनिषदों  की गाथा, पश्चिम ने स्वीकार किया था

भाई बहनों  का संबोधन , जग ने पहली बार सुना था ।।

हे  सन्यासी,  वीर  युवा,  तुम  राष्ट्र  जगाने  आये  थे

धर्म संस्कृति की विजय पताका, दिग्दिगंत फहराए थे।।

-उमेश यादव

                    https://youtu.be/Q_mEai13KJI