*जगतगुरु
केवल भारत है*
भारतीय संस्कृति
का जग में स्वामीजी ने मान बढ़ाया।
जगतगुरु केवल
भारत है,दिव्य ज्ञान जग में पहुंचाया।।
चरित्रवान हो
युवा देश के,तो सौभाग्य बदल सकता है।
युवा तेजस्वी
नौजवान चाहे तो राष्ट्र सबल बनता है।।
राष्ट्र धर्म ही
श्रेष्ठ धर्म है,युवा वर्ग को भान कराया।
भारतीय संस्कृति
का जग में स्वामीजी ने मान बढ़ाया।।
धर्म कर्म से
विमुख हो रहे युवाओं के आदर्श बने वो।
संयम सेवा
सहिष्णुता के,साहस शौर्य के अर्श बने वो।।
कुछ भी नहीं
असंभव होता,मन में दृढ़ विश्वास जगाया।
भारतीय संस्कृति
का जग में स्वामीजी ने मान बढ़ाया।।
सभी स्वस्थ हो
विवेकवान हो,श्रमशीलों का सम्मान हो।
प्रगतिशील हो,श्रद्धावान हो,नारी शक्ति दिव्य महान हो।।
श्रमशीलों के
श्रम ने भारत को,सारे जहाँ में श्रेष्ठ बनाया।
भारतीय संस्कृति
का जग में स्वामीजी ने मान बढ़ाया।।
-उमेश यादव,शांतिकुंज,हरिद्वार