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मंगलवार, 16 फ़रवरी 2021

ऋतु बसंत है आया

          

                                      ऋतु बसंत है आया

मधुमास बसंत   है   आया, प्रेरक उमंग  है  लाया।

नव्य शक्ति से,नवल प्राण ले, नव संकल्प जगाया।।

 

झूम रहा है रोम-रोम तन, मन भी आज हर्षित है।

कण कण में उल्लास भरा,जड़ चेतन आकर्षित है।।

शांतिकुंज के हर जन मन में, दिव्य भाव है छाया।

नव्य शक्ति से, नवल प्राण ले,नव संकल्प जगाया।।

 

थिरक रहा  है अंग अंग सुन, थापें  अब गुरुवर के।

मन कोकिला चहकती है बस,माताजी के स्वर से।।

साँसों में  प्रभु  तुम्हीं  बसे हो, तुझमें प्राण समाया।

नव्य शक्ति से, नवल प्राण ले,नव संकल्प जगाया।।

 

सौरभ-सुरभित दशों दिशा में,रम्य अलौकिक पावन।

किसलय कोंपल पुष्पित-पल्लवित,नैसर्गिक मनभावन।।

ज्ञान, कला, संगीत  सुशोभित, रंग  बसंती  छाया।

नव्य शक्ति से,नवल प्राण ले, नव  संकल्प  जगाया।।

 

तेरे  स्वर को कर्ण  आतुर  हैं, पंचम  सुर  में गाओ।

मन  मयूर  नर्तन  करता है, नट  हो  आप नचाओ।।

श्रधेय-द्वय  के स्नेह प्यार से, दिव्य उछाह  है छाया।

नव्य शक्ति से, नवल प्राण ले, नव संकल्प जगाया।।

                                     -उमेश यादव,शांतिकुंज ,हरिद्वार  

शनिवार, 23 जनवरी 2021

जय हिन्द हमारा नारा है।

सुभाष चंद्र बोस
खून  के  बदले  आजादी  लो, देश प्रेम  का नारा  था।
हे  सुभाष, हे  परमवीर,  हर  दुश्मन  तुमसे  हारा था।
जय हिन्द हमारा नारा था।यह हिन्द प्राण से प्यारा था।

सबसे  पहले  देश  का  झंडा, तुमने  ही फहराया था।
अंग्रेजों  से  महायुद्ध कर, अपना  शौर्य दिखाया  था।।
जर्मनी  से बर्मा, जपान तक, जय हिन्द  का नारा था।
हे  सुभाष, हे  परमवीर, हर  दुश्मन  तुमसे  हारा था।।

वह  लहू  नहीं  है पानी है,जो काम देश के आ न सके।
युवा जोश वह है व्यर्थ,जो शाने वतन कहला न सके।।
प्रतिभाओं के धनी बोस को, मुक्त हिन्द ही प्यारा था।
हे सुभाष,  हे परमवीर,  हर  दुश्मन  तुमसे  हारा था।।

सोये  पड़े  भारत वीरों  को, तुमने  ही ललकार जगाया।
प्रान्त कई  स्वतंत्र  कराकर, फिरंगियों को धुल चटाया।। “दिल्ली चलो” का घोष किया,वह वीर बोस हमारा था।।
हे  सुभाष,  हे  परमवीर, हर  दुश्मन  तुमसे  हारा  था।।

आजादी  के लिए बोस ने,जीवन का हर सांस जिया था।
विजय हमारी निश्चित ही है, ऐसा दृढ विश्वास दिया था।।
आजाद  हिन्द  फौज  बनाकर,अंग्रेजों को ललकारा था।
हे  सुभाष,  हे  परमवीर,  हर  दुश्मन  तुमसे  हारा  था।।
-उमेश यादव
https://youtu.be/FvXa_umEOBs