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रविवार, 7 फ़रवरी 2021

गलतियों को समझ पाना

गलतियों को समझ पाना


   
                      
     
                                    गलतियों को समझ पाना,दुष्कर सी बात है। 
                                    सुधरने को मन मचलना,साहस कहलात है।। 

 

गलतियों से सीख लेना,बुद्धिमानी काम है।

गलतियों से  हारते जो, बुजदिल इंसान है।।

गलतियाँ गर हो गयी तो, दंड पश्चाताप है।

गलतियों को समझ पाना,दुष्कर सी बात है।।  

 

                                    दूसरों की गलतियों को, माफ़ करना चाहिए।
                                    गलतियाँ आदत बने, इन्साफ करना चाहिए।।
                                    गलतियों पर गलतियाँ हो, ये भयंकर पाप है।
                                    गलतियों को समझ पाना,दुष्कर सी बात है।। 

  

गलतियों की आदत तो, कभी मत लगाईये।

दुर्गुणों की पोटली को, खुद से दूर भगाइए।।

गलतियों  में फंस गए तो, पायेंगे संताप है।

गलतियों को समझ पाना,दुष्कर सी बात है।।

 

                                    किये गलती को सदा,  ह्रदय से स्वीकार लो।
                                    जो  भी  उचित दंड हो,  स्वयं अंगीकार लो।।
                                    मनुज हैं तो गलतियाँ भी,अक्सर हो जात है।
                                    गलतियों को समझ पाना,दुष्कर सी बात है।।

 

गलतियाँ करके सुधरते, सही वह इंसान है।

गलतियों पर गलती करते,वही तो हैवान है।।

गलतियाँ नर न करें तो, ईश्वर बन जात है।

गलतियों को समझ पाना,दुष्कर सी बात है।।

 

                                    लोग  जल्दी  त्रुटियाँ,  स्वीकारते  नहीं  हैं।
                                    स्वीकार कर सुधार ले,  विचारते  नहीं  है।।
                                    दोष  दर्शन दूसरों में, समय क्यों गंवात है।
                                    गलतियों को समझ पाना,दुष्कर सी बात है।।

 

गलतियों पर वश न होता, पर उससे  ज्ञान लो।

असफल होकर सीखने का,मंत्र को तू जान लो।।

एक अवगुण पर हमारे, गुण  सब  बिसरात है।

गलतियों को  समझ पाना, दुष्कर सी बात  है।।

 

                                    गलतियाँ  हो  जाए तो,  कभी न  घबराइये।
                                    सीख  देती  है अनोखी,  इसे  न छुपाइये।।
                                    निज-दोषों  से लड़े वो, शूरवीर कहलात है।
                                    गलतियों को समझ पाना,दुष्कर सी बात है।।
 

 -उमेश यादव, शांतिकुंज, हरिद्वार

 

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