रक्त-दान ही महादान है
रक्त-दान ही महादान है, इससे बढ़कर कोई दान नहीं।
चलो किसी का जान बचाएँ, इससे बड़ा कोई काम नहीं।।
ईश्वर ने जीवन देकर ही, हम सब पर उपकार किया है।
मानव तन अनमोल बनाया,यह अनुपम उपहार दिया है।।
इस काया के रहते फिर से, निकले किसी के प्राण नहीं।
रक्त-दान ही महादान है ,इससे बढ़कर कोई दान नहीं।।
रक्त-दान करने से कोई, होता है कमजोर नहीं।
स्वस्थ युवा ही रक्त-दान दें, बलहीन या कमजोर नहीं।।
कमर कसें हम रक्त-दान को, बुजदिल बनना शान नहीं।
रक्त-दान ही महादान है, इससे बढ़कर कोई दान नहीं।।
किसी व्यक्ति के बच जाने से, अगणित ख़ुशियाँ छाती है।
कितनों का घर बचता है गर,वक्त पे रक्त मिल पाती हैं।।
खून बिना लाखों मर जाते, शोणित का कोई दाम नहीं।
रक्त-दान ही महादान है, इससे बढ़कर कोई दान नहीं।।
बड़े से दिल से मुक्त ह्रदय, से आओ रक्त-दान करें हम।
जीवन दाता बनें किसी का, नव जीवन प्रदान करें हम।।
सौभाग्य मिला अनुपम तुमको है,इससे बड़ा कोई शान नहीं।
रक्त-दान ही महादान है, इससे बढ़कर कोई दान नहीं।।
-उमेश यादव,शांतिकुंज, हरिद्वार