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सोमवार, 10 मई 2021

हारिये न हिम्मत,


हारिये न हिम्मत,

समय ये उदासी का, जल्द मिट जायेंगे।
उमंगों की बगिया में, विहग चहचहायेंगे।।
नाचेंगी मयुरिया फिर से, कोयल गायेंगे।
हारिये न हिम्मत,
हारिये न हिम्मत फिर,सुख के दिन आयेंगे।

सारे जहाँ में संकट, कैसा गहराया है।
फैली व्याधि के कारण, सब घबराया है।।
रहेंगे निरोग सब जन, खुशियाँ मनाएंगे।
मिटेगी घटायें काली, हर्ष सब मनाएंगे।।
हारिये न हिम्मत,
हारिये न हिम्मत फिर,सुख के दिन आयेंगे।

भूल बैठे उनको जो, सबसे महान थे।
कर बैठे अपने पर, बड़ा ही गुमान थे।।
माना स्वयं को सबकुछ,किये अभिमान थे।
मिलजुल कर हम सारे, जंग जीत जाएंगे।।
हारिये न हिम्मत,
हारिये न हिम्मत फिर,सुख के दिन आयेंगे।

तुमने बनाया जगको, तुम्हीं अब संभाल लो।
फैली है बवायें कैसी, तुम्ही हल निकाल दो।।
बीतेगा कुदिन ये फिर, सभी मुस्कुराएंगे।
मुश्किलों से जूझेंगे हम,जीना सीख जायेंगे।।
हारिये न हिम्मत,
हारिये न हिम्मत फिर,सुख के दिन आयेंगे।

बंजर ना होगी धरती, हरियाली छायेंगी।
दिन ये फिरेंगे फिर से, फसल लहलहाएंगे।।
जियेंगे निरोगी जीवन, गीत गुनगुनायेंगे।
हौसला बढ़ाइए दिन, अच्छे वाले आयेंगे।।
हारिये न हिम्मत,
हारिये न हिम्मत फिर,सुख के दिन आयेंगे।

उमेश यादव 08 मई 2021