स्वर कोकिला को श्रधांजलि
लय दिया संगीत में जब,वो नया युग आया था।
ताल से बाँधा समां, हर दिल ही मुस्कराया था।।
मंजिले तय की हैं वो जो, कोई न कर पायेगा।
गेय कर दी शब्द सारे, युगों तक जग गायेगा।।
शत नमन हे स्वर कोकिला,सुर से एकाकार हो।
कर रहे श्रद्धा समर्पित,सुरदेवी को स्वीकार हो।।
रहो सबके दिल में तुम, संगीतमय संसार हो।।
-उमेश यादव, शांतिकुंज, हरिद्वार