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मंगलवार, 9 अगस्त 2022

शिव षडक्षर स्तोत्र (हिंदी में)

 

शिव षडक्षर स्तोत्र (हिंदी में)

अथ श्री शिव षडक्षर स्तोत्रम्


ॐ कारं बिंदुसंयुक्तं नित्यं ध्यायंति योगिन:।

कामदं मोक्षदं चैव ॐ काराय नमो नमः।।१।।

 

ॐ कार से युक्त विन्दु हैं, साधक नित्य ध्यान धरते हैं।

सकल मनोरथ मोक्ष प्रदाता, ॐकार शिव नमन करते हैं।।

 

नमंति ऋषयो देवा नमन्त्यप्सरसां गणा:।

नरा नमंति देवेशं नकाराय नमो नमः।।२।।

 

नमन करते नर सुरबालायें, देव,ऋषि नमन करते हैं।

न कार रूपी श्री महादेव को, बारम्बार नमन करते हैं।।

 

महादेवं महात्मानं महाध्याय परायणम्।

महापापहरं देवं मकाराय नमो नमः।।३।।

 

हे महात्मन महादेव शिव, ध्यान समाधि में रहते हैं।

हे पापनाशक म कार शंकर,बारम्बार नमन करते हैं।।

 

शिवं शांतं जगन्नाथं लोकानुग्रहकारकम्।

शिवमेकपदं नित्यं शिकाराय नमो नमः।।४।।

 

शांत स्वरुप शिव जगन्नाथ जो, लोकों पर कृपा करते हैं।

एकपदी शि कार शंकर, बारम्बार नमन करते हैं।।

 

वाहनं वृषभो यस्य वासुकि कंठभूषणम्।

वामे शक्तिधरं देवं वकाराय नमो नमः।।५।।

 

वृषभ सवारी सर्प वासुकि कंधे पर विचरण करते है।

शक्तिधर शंकर व कार रूप को बारम्बार नमन करते हैं।।

 

यत्र यत्र स्थितो देव: सर्वव्यापी महेश्वर:।

यो गुरु: सर्वदेवानां यकाराय नमो नमः।।६।।


सर्वव्यापक हे देव महेश्वर  देवों में रमण करते हैं।

सर्वदेव गुरु य कार शिव को बारम्बार नमन करते हैं।।

 

षडक्षरमिदं स्तोत्र य: पठेच्छिवसंनिधौ।

शिवलोकमवाप्नोति शिवेन सह मोदते।।७।।

 

शिव समीप रहकर जो भी नर, षडक्षर स्त्रोत पाठ करते हैं।

शिवलोक पाते हैं साधक,  शिव के संग प्रसन्न रहते हैं।।

-उमेश यादव

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