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रविवार, 20 मार्च 2022

खेलेंगे हम होली

 खेलेंगे हम होली

आमों की बौर से मस्त हुआ,कोयल ने कुहू बोली।
लाओ रंग गुलाल सभी मिल, खेलेंगे अब होली।।
क्यों बैठा है गुमसुम प्यारे,आजा रंग आजमाले।
थोडा सा हंस लो सबके संग,थोड़ा गुजिया खाले।।
फगुआ की मस्ती में झूमो, करलो ज़रा ठिठोली।
लाओ रंग गुलाल सभी मिल, खेलेंगे अब होली।।
डर लगता है यदि रंगों से,कुमकुम जरा लगालो.
गाल गुलाल से रंग लो थोड़ा,होली आज मनालो
तनिक अबीर का टीका लेकर,बन जाओ हमजोली।
लाओ रंग गुलाल सभी मिल, खेलेंगे अब होली।।
शुष्क रहे न अंग कोई भी,रंग गुलाल लगाओ।
ले हाथों में पिचकारी सब स्नेह रंग बरसाओ।।
मस्ती में सब झूमें नाचें,गायें सब मिल होली।
लाओ रंग गुलाल सभी मिल, खेलेंगे अब होली।।
पिचकारी तेरा काम यही है,अन्दर बाहर रंग दो।
है कोई बैठा उदास तो,रंग उसको अंग अंग दो।।
सतरंगी महफ़िल सजने दो,बनने दो अब टोली।
लाओ रंग गुलाल सभी मिल, खेलेंगे अब होली।।
जो हो ली सो होली, आओ नए रंग अपनाएँ।
अंतर्मन भी करें स्वच्छ, कडवाहट दूर भगाएं।।
सुनें प्यार की मधुरगान,कोयल की मीठी बोली।
लाओ रंग गुलाल सभी मिल, खेलेंगे अब होली।।
-उमेश यादव
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