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रविवार, 2 मई 2021

बीतेगा ये बुरा वक्त


अवसादों  के  अब  तमस हटेंगे,आशाओं के दीप जलेंगे।
बीतेगा  ये  बुरा  वक्त  फिर, खुशियों  के  संगीत  बजेंगे।।

अंधियारी मिट जाएगी फिर, विश्वासों  का  सूर्य उगेगा।
उमंगों की बगिया में फिर से,हर्ष-हर्ष का फूल खिलेगा।।
नया  सूर्य गगन  में  होगा,अमन  चैन  के  दिन  फिरेंगे।
बीतेगा  ये बुरा   वक्त फिर,  खुशियों  के  संगीत  बजेंगे।।

जीतेंगे ये  जारी  जंग  को, दुःख:  निराशा पास न  होगा।
फिर से सबकुछ अच्छा होगा,अब कोई निराश न होगा।।
कोई  नहीं  अब कष्ट  सहेगा, सभी सुखी  निरोग  रहेंगे।
बीतेगा  ये  बुरा वक्त  फिर,  खुशियों  के  संगीत  बजेंगे।।

मिट जाएगी महामारी अब, परजीवी  का कोप न  होगा।
बहुत सहे  हैं  परेशानी अब, शांति का  साम्राज्य बढेगा।।
कामयाब मिलकर हम होंगे,सबके सुख सौभाग्य बढ़ेंगे।
बीतेगा  ये   बुरा  वक्त  फिर, खुशियों  के संगीत बजेंगे।। 
-उमेश यादव

2 टिप्‍पणियां:

Unknown ने कहा…

उजला प्रकाश की आभा
,आपकी रचित पंक्तियों को पढ़ने वाले मेरे जैसे असंख्य लोगो के मन उम्मीद जगा रहा है! ऐसे ही शब्द औषधि आप रचते रहे!
निर्णय कुमार "निर्णय"
भरकट्टा ,गिरिडीह,झारखंड

Unknown ने कहा…

उजला प्रकाश की आभा
,आपकी रचित पंक्तियों को पढ़ने वाले मेरे जैसे असंख्य लोगो के मन उम्मीद जगा रहा है! ऐसे ही शब्द औषधि आप रचते रहे!
निर्णय कुमार "निर्णय"
भरकट्टा ,गिरिडीह,झारखंड