हे गणपति तेरी जय हो, जय हो।
कष्ट निवारक,विघ्न विनाशक।
एक दन्त हे असुर संहारक।।
लम्बोदर तेरी जय हो, जय हो।
हे गणपति तेरी जय हो, जय हो।।
मंगल मूर्ति , तुम्ही गजानन।
शिव गौरी के हो तुम आनंद।
सुखकर्ता तेरी जय हो, जय हो।
हे गणपति तेरी जय हो, जय हो।।
हे भालचंद्र ,हे बुद्धिनाथ प्रभु।
दुखियों के तुम सदा साथ प्रभु।।
सिद्धि दायक तेरी जय हो, जय हो।
हे गणपति तेरी जय हो, जय हो।।
जगती का तुम ताप हरो अब।
कार्य सभी के सफल करो सब।।
वक्रतुंड तेरी जय हो, जय हो।
हे गणपति तेरी जय हो, जय हो।।
प्राणिमात्र सब विलख रहे है।
बुद्धिहीन बन भटक रहे है।।
बुद्धि विधाता जय हो, जय हो।
हे गणपति तेरी जय हो, जय हो।।
हे कृपाकर कृपा करो अब।
नवयुग का उद्घोष करो अब।।
श्री गणेश तेरी जय हो, जय हो।
हे गणपति तेरी जय हो, जय हो।।
--उमेश यादव
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