काव्य प्रवाह
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शुक्रवार, 10 सितंबर 2010
सदुपयोग और दुरुपयोग
umesh shantikunj: सदुपयोग और दुरुपयोग
: "अगर हमारे पास कोई चीज है तो उसका सदुपयोग और दुरुपयोग हमारे पास है. हम चाहें तो उसे use कर सकते हैं.चाहें तो उसका misuse कर सकते है. हमारा स..."
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